रालू की कहानी Ralu story

यह कहानी है एक लड़के की जिसका नाम था रालू वह एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करता हुआ लड़का था और उसकी पढ़ाई हिंदी मीडियम में हुई थी उसकी पढ़ाई की समय की बात है जब नाइंथ क्लास में पढ़ रहा था हिंदी मीडियम से पढ़ने में बहुत कमजोर हुआ करता था रालू अपनी सोच को अलग रखता था कभी किसी से शेयर नहीं करता था वह मन ही मन में सोचता ही रहता था कि मैं यह करूंगा वह करूंगा लेकिन उसकी पढ़ाई में नॉलेज का फिर उसकी मुलाकात हुई एक ऐसे टीचर से जिसने जिसने उसकी किस्मत ही बदल दी उसने देखा लालू पीछे बैठने वाला एक लड़का है जो कि लास्ट बेंच पर बैठता है उसने पहले जेनेलिया रितेश के समय रजिस्टर में रालू का नाम आया उसने देखा रालू क्यों पीछे बैठा है उसने रालु को फर्स्ट बेंच पर बैठने के लिए कहा रालू घबराया और धीरे-धीरे फर्स्ट ब्रांच पर आकर बैठा है जब फर्स्ट बैंस से उसने पीछे देखा सारे बच्चे उसी को देख रहे थे रालू और द

दूसरे दिन लालू फर्स्ट बेंच पर बैठे जब फर्स्ट बेंच पर बैठा लालू फिर दूसरे दिन उसके टीचर उन्होंने कहा तुम पीछे क्यों बैठते हैं चलो एक कविता सुनाओ लालू को कविता पतासा लेकिन वह बोलने में हिचकिचाहट था फिर लालू ने अपने अंदर की हिम्मत को जुटाया और कविता सुनाएं कविता को सुन सारे बच्चे उसके लिए ताली बजाए जब सारे बच्चों ने ताली बजाया दोरालू बहुत खुश हुआ उसे बहुत अच्छा लगा धीरे-धीरे समय बीतता गया समझदार बनता गया और धीरे-धीरे लालू ने थाम ली कि मैं रोज एक कविता सुना लूंगा तुम मेरे लिए रोज ताली बजेगी मेरे टीचर भी खुश होंगे फिर धीरे-धीरे लालू कोई भी होमवर्क छोड़ता नहीं था सभी होमवर्क को पूरा करता था धीरे धीरे धीरे धीरे राहुल oo1 समझदार और पढ़ा लिखा व्यक्ति बन कर फिर दसवीं की परीक्षा लालू ने पास की लालू 11वीं में एडमिशन कराया 11 में एडमिशन कराने के बाद 12वीं में गया 12वीं की परीक्षा बेरालू ने पास की इस चालू को एक लड़की पसंद आ गई वह उससे बहुत प्रेम करता था उससे बहुत प्रेम करता था वह लड़की भी उसे प्रेम करती थी लेकिन समय उस लड़के को धोखा दिया कहा जाए तो लड़की में कोई गलती नहीं थी लड़की की मजबूरी को धोखा देना पड़ा बहुत निराश हुआ समझ गया था उसे अब इस सब झमेले में नहीं पड़ना चाहिए यह सब अच्छा नहीं है लालू फिर अब कमाने के ऊपर ध्यान दिया उसने सोचा कुछ कमाया जाए कुछ करा जाए जिसके वजह से मैं अपने घर का बोझ उठा सकूं लालू ने नौकरी की तलाश की नौकरी की तलाश करने में लालू को बहुत समय बीत गया जो पीओपी में डालो जोक में रुको दौड़ना था आगे की कहानी नेक्स्ट एपिसोड में

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