5 अप्रैल रात 9:00 बजे पूरे भारत में 9 मिनट अपने अपने घरों में दिए जलाने हैं।
#5अप्रैल_की_रात_को_9बजे_मैं_इसलिए
#दिया_जलाउंगा.👍
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5 तारीख को रात को 9 बजे दिया जलाने के प्रधानमंत्री मोदी के अनुरोध की कोई वैज्ञानिक व्याख्या कर रहा है, कोई धार्मिक व्याख्या कर रहा है, कोई रणनीतिक व्याख्या कर रहा है. कोई इस बात पर आगबबूला हो रहा है कि दिया जलाने से क्या होगा.?
इसके बजाय होवित्जर तोप से दिल्ली वाले तबलीगी अड्डे को उसके सरगना मौलाना साद समेत उड़ा देने का आदेश मोदी-शाह की जोड़ी ने सेना को अब तक क्यों नहीं दिया.?
उपरोक्त सभी आग्रहों दुराग्रहों के पीछे सबके अपने अपने ठोस तर्क भी हैं. लेकिन इस सन्दर्भ में मेरा मत इन सबसे बिल्कुल अलग है.
मेरा मत यह है कि... इस सन्दर्भ में मेरा कोई मत नहीं है. क्योंकि पिछले 6 वर्षों के शासनकाल को देखने सुनने भोगने के बाद अब मेरा दृढ़ विश्वास है कि 6 वर्षों से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जो आदमी बैठा है वो जो करेगा, जैसे करेगा, देश धर्म समाज के कल्याण उत्थान के लिए वो ही सर्वश्रेष्ठ होगा.
अत्यन्त सीमित मेडिकल संसाधनों वाले 130 करोड़ जनसँख्या के भारत में जानलेवा महामारी कोरोना के संक्रमण पर प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक जिस प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने में सफ़लता पायी है उससे वैश्विक नेतृत्व अचंभित भी है और प्रधानमंत्री मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहा है.
केसर के खेत में घुस कर जैसे भैंसा खेत चर जाए कुछ उसी शैली में तबलीगी मुल्लाओं ने भी भारत की उपलब्धि की इस फ़सल को चर जाने की कोशिश की थी. (इन भैंसों को भी दण्ड मिलेगा जिन्हें कोई संदेह हो वो महबूबा फारूक उमर और यासीन सरीखों की वर्तमान हालत देख लें.)
हालंकि इन भैंसों को भी बहुत सीमित और आंशिक सफ़लता मिली है. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की तैयारी और रणनीति बहुत पुख्ता थी.
लेकिन यह अनायास नहीं हुआ है. पिछले 3 महीनों के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की गई कार्रवाई की कहानी इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी...
कोरोना की कहानी खत्म होने दीजिये, उन कार्रवाईयों से आप लोगों को थोड़ा बहुत परिचित मैं भी कराऊंगा. क्योंकि 17 जनवरी को जिस दिन कोरोना के संक्रमण से संबंधित पहली बैठक हुई थी तब से इससे सम्बन्धित हर खबर पर गहन दृष्टि रख रहा हूं. और मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं.
इसलिए बिना किसी अगर/मगर/किन्तु/परन्तु/प्रपंच के मैं 5 अप्रैल को रात को 9 बजे अपनी छत पर एक दिया भी जलाउंगा, एक मोमबत्ती भी जलाऊंगा और मोबाईल की टॉर्च तो जलेगी ही जलेगी.
#जय_हिंद
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