Where are betel nut plants found in large quantities in India

भारत में सुपारी के पौधे अधिक मात्रा में कहां पाए जाते हैं

भारत में सुपारी के पौधे कुछ ही राज्यों को छोड़ लगभग सभी राज्यों में पाए जाते हैं आपको बता दें सुपारी की मांग भारत में बहुत ही ज्यादा है सुपारी को पसंद करने वाले लोग एवं पान को पसंद करने वाले लोग भारत में अधिक मात्रा में है और इनका सेवन भी करते हैं।

सुपारी के पेड़ कैसे होते हैं

सुपारी के पेड़ बेहद लंबे होते हैं एवं बांस के जैसे पतले होते हैं और ऊपर में कुछ पत्ते होते हैं पूरी पेड़ एकदम खाली और सीधा लंबा होती है और सिर्फ माथे पर थोड़े पत्ते होते हैं जैसा आप नीचे तस्वीरों में देख सकते हैं सुपारी की बात की जाए तो भारत में उत्तर पश्चिम राज्यों में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जैसे भारत के कुछ राज्य हैं तमिलनाडु असम केरला अरुणाचल प्रदेश मिजोरम मेघालय इत्यादि।

सुपारी के पेड़ पर फलने वाला फल को भारत में क्या करते हैं

सुपारी के पेड़ पर पलने वाले फल को भारत में गुटखा कंपनी जैसे पान तामुल मिश्री इत्यादि बनाने में काम में लगता है आपको बता दें भारत में सुपारी को तामुल के नाम से भी जाना जाता है एवं कुछ राज्यों में इससे हीरे का नट भी कहा जाता है और कसैली भी इसका ही नाम है इसको गुटखा कंपनी खरीदती है गुटखा बनाने में प्रयोग किया जाता है इसमें एक अलग प्रकार का नशा होता है जो कि आपके मन में उमंग पैदा करता है और आपको जोश देता है इसीलिए इसकी मांग बाजारों में अधिक मात्रा में होती है और सुपारी भारत में तंबाकू जैसे खाद्य पदार्थों में प्रयोग किया जाता है।

सुपारी के पेड़ जब छोटे होते हैं तो कैसे दिखते हैं और इनके पेड़ की उत्पत्ति कैसे होती है

सुपारी के पेड़ छोटे होते हैं तो हरे हरे पत्तों में हल्के हल्के धारियों के जैसे दिखते हैं एवं फल से ही इनका पेड़ उत्पत्ति होती है फल को अगर आप मिट्टी में गाड़ दे 3 महीने बाद इसमें से पेड़ निकल आता है कई कई जगहों पर 6 महीने लग जाते हैं नीचे तस्वीरों के माध्यम से आप इन के पेड़ को देख सकते हैं और फिर अंदाजा लगा सकते हैं कि पेड़ छोटे कैसे दिखते हैं।

कुछ इस प्रकार देखते हैं सुपारी के पेड़ भारत में इनकी मांग ज्यादा मात्रा में होती है इनको विदेशों में भी माना जाता है और भारत से ही सुपारी विदेशों में जाती है और गुटका बनाया जाता है।

भारत में अनेकों प्रकार के पेड़ पौधे हैं

भारत में अनेक प्रकार के पेड़ पौधे हैं जैसे सुपारी नारियल इत्यादि बहुमूल्य पेड़ पौधे हैं जिनका सेवन कर लोग आनंदित होते हैं और इसकी मांग बाजारों में हमेशा उच्च स्तर पर होती है भारत में बांग्ला में इसे सुपारी का पेड़ कुछ जगहों पर इसे तामुल कहते हैं इसका सेवन अधिक मात्रा में बंगाली लोग करते हैं भारत में सबसे अधिक बंगाली लोग इसका सेवन करते हैं जिसके कारण इसका नाम सुपारी भी कहा जाता है इसके साथ पान भी लिया जाता है अब आप सोच रहे होंगे या पान क्या है तो आपको बता दें पान के पत्ते हरे हरे एवं उन्हें हाथों पर मलने से लाल रंग का तरल पदार्थ निकलता है इनके पत्तों को सुपारी के साथ मिलाकर मुंह में लेकर सेवन किया जाता है।

सुपारी के फल के रंग कैसा होता है

सुपारी के फल का रंग पहले हरे रंग का होता है फिर यह पीले रंग का होता है और फिर कुछ दिनों बाद पूरी तरह से लाल हो जाता है फिर या कुछ दिनों बाद सूखता है एवं इसके बकरे को छुड़ाकर इसके अंदर की बीज को काट कर छोटे-छोटे भाग करके सेवन किया जाता है और इसको मतलब इसका बीज को गुटखा बनाने में कार्य में लगता है।

सुपारी के बकले से क्या बनता है

सुपारी के बकले से भारत में रंग बनाया जाता है इसकी बकले की भी मांग बहुत है भारत में सुरंग बनाने के प्रयोग में लाया जाता है एवं इसके बीज को गुटखा बनाने के प्रयोग में लाया जाता है
भारत में सुपारी के प्रति 100 kg का मूल्य ₹3000 है
सुपारी भारत में 1 किलो का मूल्य ₹30 है


सुपारी के एक पेड़ में लगभग कितने फल पकड़ते हैं

सुपारी के एक पेड़ में लगभग 200 फल पकड़ते हैं
इससे कम भी पकड़ते हैं लेकिन अधिक मात्रा में इतना ही पकड़ता है।

सुपारी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं

 Tamul ,arica nut, Betal nut, इत्यादि नामों से जाना जाता है।




ऐसी रोचक जानकारी हो को हासिल करने के लिए और जानने के लिए सब्सक्राइब करें फॉलो करें और अच्छी लगे तो शेयर करें और कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।




Comments